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अमेरिकी मीडिया ने फिर उड़ाया मोदी का मजाक

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी प्राइम मिनिस्टर ली शियांग की सेल्फी को अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने इतिहास की सबसे शक्तिशाली सेल्फी बताया है, लेकिन वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के रिपोर्टर ऐडम टेलर ने इस फोटो के लिए मोदी का मजाक उड़ाया है।टेलर ने अपने ब्लॉग का शीर्षक दिया है कि भारत के प्रधानमंत्री पर सेल्फी लेने का भूत सवार है। 

एक दिन पहले ही वॉल स्ट्रीट जर्नल ने चीन के टेराकोटा म्यूजियम में दो पुतलों के साथ मोदी की एक तस्वीर छाप दी थी जिसके कैप्शन पर विवाद हो गया था। इस तस्वीर में मोदी दो पुतलों के बीच में खड़े थे और कैप्शन में लिखा गया था, 'प्रधानमंत्री मोदी, बीच में।' कई लोगों का कहना था कि जब बाकी दोनों पुतले हैं तो यह अलग से लिखने की क्या जरूरत है कि प्रधानमंत्री बीच में हैं।

शनिवार को अपने ब्लॉग में टेलर लिखते हैं कि नरेंद्र मोदी एक अच्छी सेल्फी की कीमत जानते हैं। मोदी ने शुक्रवार को चीन के प्रधानमंत्री के साथ अपनी सेल्फी ट्विटर पर शेयर की थी। टेलर लिखते हैं, 'जैसा कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने लिखा है कि यह तस्वीर इतिहास की सबसे शक्तिशाली सेल्फी हो सकती है लेकिन मोदी के लिए यह अपने ट्विटर अकाउंट पर पोस्ट की जाने वालीं सेल्फी की लंबी लाइन में एक और है।'

टेलर ने अपने ब्लॉग में मोदी की दसियों पुरानी सेल्फी दी हैं जो उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट की थीं। वह लिखते हैं कि 2014 के चुनाव को सोशल मीडिया पर लड़ा गया भारत का पहला चुनाव कहा गया था और मोदी की टीम को यह बात समझ आ चुकी है कि 2002 के आरोपों और कट्टरपंथियों से नजदीकियों की वजह से बनी मोदी की विवादित छवि सेल्फी जैसे माध्यमों से सुधारी जा सकती है।


अमेरिकी अखबार 'द व़ॉल स्ट्रीट जर्नल' में प्रकाशित यह तस्वीर भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है

वैसे, यह पहली बार नहीं है जब अमेरिकी मीडिया ने भारतीय प्रधानमंत्री पर इस तरह की खबरें छापी हों। मोदी के चर्चित 10 लाख के सूट का मुद्दा भी वहीं उठाया गया था और उनके 2002 दंगों के बारे में विवादों पर भी अक्सर अमेरिकी मीडिया खबरें छापता रहता है।

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