गर्लफ्रेंड से मिलने पाक में अवैध एंट्री की और गायब
पाक इंडो क्रिकेट सीरीज को लेकर उत्साह
मुंबई के हामिद नेहल अंसारी को मोहब्बत के चक्रव्यूह ने अपने अंदर ऐसा खींचा कि वह कहां गायब हो गए, पता ही नहीं चला। 26 साल के मैनेजमेंट ग्रैजुएट अंसारी 15 महीने से पाकिस्तान के तालिबान के प्रभुत्व वाले इलाके में गायब हैं और उनकी मां यहां भारत में सरकार के चक्कर काट रही हैं।
अंसारी पाकिस्तान की एक लड़की से इंटरनेट पर मिले थे। मोहब्बत जब परवान चढ़ चुकी थी तो लड़की ने उन्हें बताया कि घरवाले शादी तय कर रहे हैं। अंसारी लड़की से मिलने को बेताब हो उठे। 4 नवंबर 2012 को वह फ्लाइट से काबुल पहुंचे और वहां से अवैध तरीके से पाकिस्तान की सीमा पार कर गए। उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है।
अंसारी की मां फौजिया ने नवंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि भारत सरकार से कहे, उनके बेटे को खोजे। लेकिन सोमवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट उन्हें कोई खास राहत नहीं दे पाया। पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने जितना पता लगाया है, उसके हिसाब से अंसारी सीमा पार कर गए थे। 10 नवंबर के आसपास उन्होंने पाकिस्तान में प्रवेश किया। उसके बाद वह खैबर पख्तून इलाके के कोहाट में किसी उर्दू अखबार में काम करने वाले एक पत्रकार के साथ रहे थे। वहां के बाद से उनकी खबर नहीं मिल पाई है।
फौजिया ने अपने बेटे की तलाश के लिए पाकिस्तान सरकार को कई पत्र लिखे हैं, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। उन्हें डर है कि अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसने के अपराध में अंसारी को पुलिस ने पकड़कर जेल में न डाल दिया हो। हालांकि भारत सरकार ने दूतावास के जरिए पता लगाने की कोशिश की है, लेकिन इससे ज्यादा पता नहीं चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फौजिया की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है सरकार इससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकती।
अंसारी पाकिस्तान की एक लड़की से इंटरनेट पर मिले थे। मोहब्बत जब परवान चढ़ चुकी थी तो लड़की ने उन्हें बताया कि घरवाले शादी तय कर रहे हैं। अंसारी लड़की से मिलने को बेताब हो उठे। 4 नवंबर 2012 को वह फ्लाइट से काबुल पहुंचे और वहां से अवैध तरीके से पाकिस्तान की सीमा पार कर गए। उसके बाद से उनका कोई अता-पता नहीं है।
अंसारी की मां फौजिया ने नवंबर 2013 में सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी कि भारत सरकार से कहे, उनके बेटे को खोजे। लेकिन सोमवार को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट उन्हें कोई खास राहत नहीं दे पाया। पाकिस्तान में भारतीय दूतावास ने जितना पता लगाया है, उसके हिसाब से अंसारी सीमा पार कर गए थे। 10 नवंबर के आसपास उन्होंने पाकिस्तान में प्रवेश किया। उसके बाद वह खैबर पख्तून इलाके के कोहाट में किसी उर्दू अखबार में काम करने वाले एक पत्रकार के साथ रहे थे। वहां के बाद से उनकी खबर नहीं मिल पाई है।
फौजिया ने अपने बेटे की तलाश के लिए पाकिस्तान सरकार को कई पत्र लिखे हैं, लेकिन वहां से कोई जवाब नहीं आया। उन्हें डर है कि अवैध तरीके से पाकिस्तान में घुसने के अपराध में अंसारी को पुलिस ने पकड़कर जेल में न डाल दिया हो। हालांकि भारत सरकार ने दूतावास के जरिए पता लगाने की कोशिश की है, लेकिन इससे ज्यादा पता नहीं चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी फौजिया की याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है सरकार इससे ज्यादा कुछ कर नहीं सकती।
Post a Comment