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भारत पर कब्‍जा जमाने का मंसूबा भी रखता है ISIS, जानिए इस संगठन से जुड़ी 6 अहम बातेंभारत पर कब्‍जा जमाने का मंसूबा भी रखता है ISIS, जानिए इस संगठन से जुड़ीअहम बातें


1700 इराकी सैनिकों के नरसंहार की तस्वीरें पोस्ट करने के बाद आईएसआईएस सुर्खियों में आ गया था। 
 
इराक में छिड़े गृहयुद्ध में सुन्‍नी विद्रोहियों के संगठन इस्‍लामिक स्‍टेट इन इराक अल-शाम (आईएसआईएस) ने देश के कई हिस्‍सों पर कब्‍जा कर लिया है। कुछ दिनों पहले यह संगठन उस वक्‍त सुर्खियों में आया, जब इसने 1700 इराकी सैनिकों की हत्‍या करने से जुड़ी तस्‍वीरें ऑनलाइन पोस्‍ट की। आईएसआईएस की तरफ आम भारतीयों का ध्‍यान ज्यादा तब गया, जब बुधवार को इस संगठन द्वारा इराकी शहर माेसुल में 40 भारतीयों को अगवा करने की खबरें आईं। जानकार बताते हैं कि यह दुनिया का सबसे अमीर आतंकवादी संगठन है। आइए, जानते हैं इस संगठन से जुड़ी 5 दिलचस्‍प बातें। 
 
1. 14 हजार करोड़ से ज्‍यादा की संपत्ति 
आईएसआईएस ने कुछ दिन पहले तेल संपदा से भरपूर माेसुल शहर पर कब्‍जा कर लिया था। इसके कुछ दिन बाद ही स्‍थानीय लोगों ने इन्‍हें बाहर खदेड़ दिया, लेकिन तब तक यह संगठन शहर के बैंकों से अरबों का सोना और नकदी लूट चुका था। जानकार बताते हैं कि माेसुल पर कब्‍जे से पहले आईएसआईएस की कुल संपत्ति करीब 875 मिलियन (करीब 5200 करोड़ रुपए) की थी, लेकिन माेसुल को लूटने के बाद इसमें 1.5 बिलियन डॉलर यानी करीब 9000 करोड़ रुपए और जुड़ गए। इस तरह आईएसआईएस की वर्तमान में कुल संपत्ति 14 हजार करोड़ रुपए से ज्‍यादा की है। आईएसआईएस की आय का मुख्य स्रोत एक्टॉर्शन (जबर्दस्ती वसूली) है। इसके अलावा, यह संगठन ट्रक चालकों और व्यापारियों से भी पैसे वसूलता है। संगठन ने कई बैंक और गोल्ड शॉप में भी लूट की है।
 
2 मोबाइल ऐप और सोशल मीडिया पर बढ़ता प्रभाव 
आईएसआईएस संभवत: पहला ऐसा आतंकी संगठन है जो सोशल मीडिया पर भी अपना प्रभाव मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में संगठन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इराकी सैनिकों के नरसंहार की तस्‍वीरें पोस्‍ट की थीं। इसी क्रम में संगठन ने एक एंड्रॉइड एप्लिकेशन भी लॉन्‍च किया है। ऐप का नाम है, 'द डॉन ऑफ ग्‍लैड टाइडिंग्‍स'। इसके बारे में जो विवरण मौजूद है, उसके मुताबिक, यह ऐप सीरिया, इराक और इस्‍लामिक दुनिया की खबरें देता है। यह ऐप डाउनलोड करने वाले यूजर के ट‍ि्वटर अकाउंट से ट्वीट भी करता है। इस ऐप को डाउनलोड करने की एक समस्‍या यह भी है कि यह यूजर से जुड़े बहुत सारे डेटा का एक्‍सेस मांगता है, मसलन यूएसबी स्टोरेज का डेटा, वाई फाई कनेक्‍शन की जानकारी। इस ऐप को 5 से 10 हजार बार के बीच डाउनलोड किया गया है। जिस दिन आईएसआईएस ने मोसुल पर कब्‍जा किया, उस दिन इस ऐप के जरिए करीब 40 हजार ट्वीट किए गए। गूगल ने गुरुवार को इस एप को अपने स्‍टोर से हटा लिया। 
 
सोशल मीडिया पर सक्रियता के फायदे: जानकार मानते हैं कि इराकी जनता में डर पैदा करने के लिए आईएसआईएस सोशल मीडिया का इस्‍तेमाल कर रहा है। इसके अलावा, संगठन दुनिया में सबसे बड़े और आधुनिक आतंकवादी संगठन के तौर पर खुद को पेश करना चाहता है। जानकार तो यहां तक मान रहे हैं कि सोशल मीडिया पर प्रभाव बढ़ने पर और ज्‍यादा विदेशी लड़ाके आईएसआईएस ज्वाइन करेंगे। इनमें अमेरिकी और ब्रिटिश लड़ाकों के शामिल होने की भी संभावना है। ऐसे में, भविष्‍य में इन देशों पर आतंकी खतरा और बढ़ेगा। बता दें कि आईएसआईएस के सोशल मीडिया पर बढ़ते प्रभाव की वजह से ही इराक सरकार ने फेसबुक और ट्विटर पर इनके पेज को बैन कर दिया है। 
 
3. भारत पर कब्‍जा करना भी है आईएसआईएस का मकसद 
2004 में अल-कायदा के धड़े के तौर पर स्थापित होने के बाद से ही आईएसआईएस का एक ही मकसद है- कट्टर सुन्‍नी इस्‍लामिक राष्‍ट्र तैयार करना। अमेरिकी जानकार मानते हैं कि आईएसआईएस इराक में सरकार को पूरी तरह नाकाम करके वहां विद्रोह के हालात पैदा करना चाहता है। आज इसके कब्‍जे में इराक और सीरिया के कई महत्‍वपूर्ण हिस्से हैं। संगठन कई तेल के कुओं पर कब्‍जा भी जमा चुका है। आईएसआईएस की मंशा पूरे मिडल ईस्‍ट और उत्‍तरी अफ्रीका के कुछ हिस्‍सों पर प्रभुत्‍व जमाना है। इसके अलावा, इस संगठन के सपने में जिस इस्‍लामिक वर्चस्‍व वाली दुनिया की तस्‍वीर है, उसका एक हिस्‍सा भारत भी है। संगठन की ओर से हाल ही में जारी एक मैप में भारत के उत्‍तर पश्चिमी हिस्‍से जिसमें गुजरात भी शामिल है, को आईएसआईएस द्वारा प्रस्‍तावित इस्‍लामिक स्‍टेट ऑफ खोरेसान का हिस्‍सा बताया गया है। सूत्रों का कहना है कि भारत से बहुत सारे जिहादी इस संगठन की ओर से इराक और सीरिया में लड़ रहे हैं और बाद में लौट सकते हैं। ऐसे में ये मिडल इस्‍ट और भारतीय महाद्वीप के बीच लिंक का काम करेंगे। जानकार मानते हैं कि भारत को तुरंत इस खतरे को गंभीरता से लेना होगा। इंस्टीट्यूट फॉर कॉन्‍फ्लीक्‍ट मैनेजमेंट के इग्‍जेक्‍यूटिव डायरेक्‍टर अजय साहनी का कहना है कि ये जंग लड़ने में महारत हासिल कर चुके आतंकी हैं, जो एक दिन वापस लौटेंगे। सीरिया औार इराक में उनकी कामयाबी के किस्‍से हमारे यहां कई लोगों के लिए प्रेरणा देने का काम करेंगे। 

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