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बाढ़ मर्डरः पुलिस ने खंगाला अनंत का घर, पुराने मामले में किया अरेस्ट



पटना
बाढ़ में चार युवकों के अपहरण और हत्याकांड में फंसे मोकामा से जेडी (यू) के बाहुबली विधायक अनंत सिंह पर पुलिस की कार्रवाई तेज हो गई है। पुलिस ने अनंत कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। यह कार्रवाई बुधवार शाम को हुई।

अनंत सिंह की यह गिरफ्तारी 6 महीने पुराने एक मामले में हुई है। गिरफ्तारी के समय अनंत कुमार के घर के बाहर बड़ी तादाद में उनके समर्थक जमा थे। इन समर्थकों ने गिरफ्तारी के खिलाफ खूूब नारेबाजी भी की।

इससे पहले बुधवार दोपहर में अनंत सिंह से पूछताछ करने गए पुलिस स्क्वॉड ने ऐक्शन लेते हुए अनंत सिंह के तीन ठिकानों पर छापा मारा था। इस दौरान जांच में पुलिस दस्ते के साथ बम निरोधक दस्ता भी मौजूद रहा। पुलिस को अनंत सिंह के आवास से खून से सना एक कपड़ा मिला है, जिसकी जांच की जा रही है 


पुलिस ने जिन तीन जगहों पर छापा मारा, उनमें से अनंत सिंह के पैतृक निवास पर इंसास राइफल की मैगजीन बरामद की गई। इसके अलावा कुछ अन्य हथियार भी बरामद किए गए। जरूरत पड़ने पर पुलिस ने अनंत सिंह के घर में जांच के लिए खुदाई भी की। वैसे, अनंत सिंह के खिलाफ यह पहला मामला नहीं है। वह कई मामलों में नामजद हैं।



टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक अनंत सिंह के घर से खून लगा कपड़ा भी मिला है। पुलिस इस कपड़े और खून के धब्बों की जांच कर रही है। साथ ही, अनंत सिंह के घर के पोखर से पानी भी निकाला जा रहा है ताकि उसकी जांच की जा सके।

क्या है मामला: पुलिस के मुताबिक मोकामा विधायक के एक रिश्तेदार के साथ कुछ लड़कों ने कथित तौर पर छेड़खानी की थी। आरोप है कि इसकी जानकारी जब विधायक को हुई तो उन्होंने प्रताप सिंह उर्फ घोड़ा को उन लड़कों को सबक सिखाने को कहा। इसके बाद प्रताप ने अपने साथियों के साथ चार युवकों का अपहरण कर लिया। अगले दिन उनमें से एक पवन उर्फ पुटुस यादव का शव बरामद हुआ। मुख्य अभियुक्त प्रताप सिंह अभी भी फरार है।

क्या बोली पुलिस: पटना के पूर्व एसएसपी जितेंद्र राणा ने बताया कि 17 जून को चार व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था। पटना के बाढ़ में गिरफ्तार ऋषि कुमार, शिवम राज, मनीष कुमार और कन्हैया सिंह नामक इन लोगों ने इस घटना के पीछे मोकामा के विधायक अनंत सिंह का हाथ बताया। बाढ़ इलाके से मनीष कुमार और कन्हैया को पुलिस ने गिरफ्तार किया, जबकि ऋषि कुमार और शिवम राज को पाटलिपुत्र के अल्पना मार्केट के पास से पकड़ा गया। ये सभी घटना को अंजाम देने के बाद फरार थे।

हालांकि, एसएसपी राणा के मुताबिक विधायक की गिरफ्तारी के लिए सबूत चाहिए जो फिलहाल उसके पास नहीं है। पुलिस के मुताबिक प्रताप सिंह की गिरफ्तारी के बाद मामला सही तरीके से सुलझ पाएगा। पुलिस ने सिंह के पैतृक गांव नदवां स्थित आवास तथा पटना स्थित उनके सरकारी आवास की तलाशी के लिए अदालत से विशेष तलाशी वॉरंट जारी करने का अनुरोध किया था।

पटना के नए एसएसपी विकास वैभव ने बताया, 'विधायक के आवास की तलाशी के दौरान मामले से संबंधित जो भी आवश्यक लगा, उसके नमूने लिए गए हैं। पुलिस उनकी गहनता से जांच और तलाश कर रही है और उसमें समय लगेगा। अभी तक किसी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा है। विधायक को सूचित कर दिया गया है। वह और उनके परिवार के सदस्य सहयोग कर रहे हैं।'



अनंत सिंह का आरोपों से इनकार: हालांकि, पुलिस की इस पूरी कार्रवाई पर अनंत सिंह ने अपना बचाव करते हुए आरोपों से इनकार किया और कहा कि पटना के तत्कालीन एसएसपी जितेंद्र राणा ने पूर्वाग्रह के कारण उनका नाम उछाला है। अनंत ने कहा कि राणा स्थानांतरण के बाद ऐसा कह रहे हैं, जो सरासर गैरकानूनी है। अनंत सिंह के मुताबिक बाढ़ और लदमा में होने वाली किसी भी गतिविधि के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और अपहृत युवकों के परिजन ने खुद उनसे युवकों को छुड़ाने के लिए मदद मांगी थी।

मामले में हो रही राजनीति: इस मामले पर राजनीति भी बखूबी हो रही है। इस मामले का खुलासा करने वाले जितेंद्र राणा का तबादला कर दिया गया था, जो सवालों के घेरे में है। जद (यू) के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि सरकार किसी भी विधायक को संरक्षण नहीं देगी, लेकिन विपक्ष नीतीश सरकार की आलोचना कर रहा है। पूर्व सांसद पप्पू यादव ने भी मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की है।

इस पूरे मामले को आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने पटना के नए वरीय पुलिस अधीक्षक विकास वैभव के लिए एसिड टेस्ट बताते हुए आज कहा कि कानून के उपर कोई नहीं है। लालू ने इस मामले में समुचित कार्रवाई का भरोसा दिलाते हुए कहा कि उनकी पार्टी सजग है और आरजेडी ने मृतक के परिजनों को सहायता राशि के तौर पर परसों दो लाख रुपए दिए हैं।

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